ये दुनिया है तेज़
धूप, पर वो
तो बस छाँव
होती हैं |
स्नेह से सजी,
ममता से भरी,
माँ तो बस
माँ होती हैं
||
हम बच्चों पर बचपन
ही से वो
लाड-प्यार बरसाती
हैं,
पापा जब गुस्सा
करते हैं तो
वो उनसे भी
लड़ जाती हैं
|
चैन से हम
सो जाते हैं
जब वो पास
हमारे होती हैं,
स्नेह से सजी,
ममता से भरी,
माँ तो बस
माँ होती हैं
||
हम सब जब
कुछ गलत करें
तो वो प्यार
से बहुत समझाती
हैं,
तब भी गर
हम ना सुधरें
तो वो कस
के रपट लगाती
हैं |
खुद ही मार
देने पर वो
कोने में जा
कर कितना रोती
हैं,
स्नेह से सजी,
ममता से भरी,
माँ तो बस
माँ होती हैं
||
माँ से बढ़कर
कोई नहीं है
इस सारे संसार
में,
फिर भी हम
उनसे दूर हैं
होते, एक धोखे
से प्यार में
|
इतने पर भी
माँ के चेहरे
पर मुस्कान और
दुआएं होती हैं,
स्नेह से सजी,
ममता से भरी,
माँ तो बस
माँ होती हैं
||
ये दुनिया है तेज़
धूप, पर वो
तो बस छाँव
होती हैं |
स्नेह से सजी,
ममता से भरी,
माँ तो बस
माँ होती हैं
||
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